आजकल इंटरनेट पर वेब 3.0 [ Web 3.0 ] ट्रेंडिंग जॉन पर है हर किसी को जानने की इच्छा है कि यह वेब 3.0 क्या है?, और आने वाले समय में इसका क्या उपयोग होगा?
इंटरनेट का परिचय यानी कि वेब 3.0 [ Web 3.0 ] की शुरुआत हो चुकी है वेब 3.0 [ Web 3.0 ] को डिसेंट्रलाइज्ड वेब या कहे तो विकेंद्रीकृत के नाम से जाना जाता है। जिस प्रकार ब्लॉकचेन से क्रिप्टो करेंसी [CryptoCurrency ] चलती है वैसे ही टेक्नोलॉजी पर वेब 3.0 [ Web 3.0 ] की नींव है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी [ Blockchaine Technology ] में किसी भी तरह का डाटा किसी एक उपयोगकर्ता के कंप्यूटर पर नहीं होता और ना ही किसी एक कंपनी के सर्वर पर बल्कि लाखों-करोड़ों कंप्यूटर में थोड़ा-थोड़ा डिवाइड रहता है। वैसे तुम वेब 3.0 [ Web 3.0 ] कुछ चुने हुए सर्वर से बिल्कुल नहीं चलेगी बल्कि जिस डिवाइस से इंटरनेट चलता है वह सभी डिवाइस की मदद से वह भी वेब 3.0 चलेगा।
वेब 3.0 [ Web 3.0 ] से कंपनियों पर क्या असर होगा?
इस समय बड़ी बड़ी कंपनियां अपने हिसाब से इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवाती हैं और चार्ज तय करते हैं तो वेब 3.0 के आने से इन कंपनियों का वर्चस्व खत्म हो जाएगा।
वेब 3.0 पूरी तरह से लोकतांत्रिक सिद्धांत पर काम करने वाला है या कहे तो किसी भी यूजर को इंटरनेट चलाने के लिए किसी सेवर की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि वेब 3.0 में ऐसी टेक्नोलॉजी को विकसित किया गया है कि नेट चलाने के लिए किसी भी सर्वर की जरूरत नहीं होगी।
वेब 3.0 [ Web 3.0 ] से हैकिंग में भी राहत मिलेगी-
वेब 3.0 की एक और खास बात है कि इसे हैक कर पाना संभव नहीं है यदि कोई है कर्ज है करने की भी कोशिश करता है तो उसे कर्ज को लाखों करोड़ों डिवाइसों को हैक करना होगा जो कि नामुमकिन होगा यानी आपके डाटा पूरी तरह से सुरक्षित होगा।
वेब 3.0 [ Web 3.0 ] का सबसे ज्यादा असर-
आप सभी को बता दें कि वेब 3.0 का सबसे ज्यादा असर गेमिंग में देखने को मिलेगा जहां वर्चुअल ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी टेक्नोलॉजी का सही मायने में उपयोग हो सकेगा। ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भी मेटा वर्ष बहुत जल्द आ जाएगा जिससे ऑनलाइन का तरीका भी बदल जाएगा और वेबसाइटों के द्वारा ही कपड़े का ट्रायल कर सकेंगे और कोई भी वस्तु को खरीदने से पहले उसकी जांच परीक्षण कर सकते हैं।
डिसेंट्रलाइज तकनीक का सबसे बड़ा बेनिफिट यह है कि इस पर किसी का भी नियंत्रण में ही होगा मतलब कि हमारा डाटा पूरी तरह से हमारा ही होगा हमारे अलावा कोई उपयोग नहीं कर सकेगा लेकिन कोई कंपनी हमारा इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उन्हें परमिशन की जरूरत पड़ेगा।
वेब 1.0 [ Web 1.0 ] क्या है?
वेब 1.0 [ Web 1.0 ] में इंटरनेट की शुरुआत हुई थी जिसका इंटरफेस बहुत बोरिंग था। इसमें सिर्फ कंटेंट को पढ़ा जा सकता था। वह किसी भी प्रकार की मीडिया फाइल यवीडियोस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था कि कुल मिलाकर क्यों वेब 1.0 में अच्छे फीचर्स नहीं थे।
वेब 1.0 में आप जो कंटेंट रीड करते थे उसमें लॉगिन एवं कमेंट भी नहीं किया जा सकता था यानी वेब 1.0 में बहुत सारी कमियां थी जिसे बाद में अपग्रेड कर वेब वेब 2.0 लाया गया जो वर्तमान समय में बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है।
वेब 2.0 [ Web 2.0 ] क्या है?
वेब 2.0 [ Web 2.0 ] में इंटरनेट में तहलका मचा दिया था और लाखों-करोड़ों मोबाइल फोन कंप्यूटर सोशल मीडिया वेबसाइट का आविष्कार हुआ जहां पर कंटेंट को पढ़ने के साथ-साथ मीडिया फाइल वीडियो फाइल को भी धड़ल्ले से उपयोग किया जाने लगा था अभी के टाइम में ढेरों वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से भेज सकते हैं इसके अलावा और कमेंट भी कर सकते हैं।
वेब 2.0 [ Web 2.0 ] में हम अपनी बातों को दूसरों तक बहुत आसानी से साझा कर सकते हैं और वेब 2.0 [ Web 2.0 ] से सबसे ज्यादा फायदा बेस्ट फेसबुक गूगल अमेजॉन जैसी बड़ी कंपनियों को है ,लेकिन जैसे ही वेब 3.0 आएगा तो निश्चित तौर पर इन कंपनियों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।